ओजोन गैस (O3), ऑक्सीजन (O2) का ऑक्सीकृत रूप है, जिसके एक अणु में ऑक्सीजन के तीन परमाणु (Atom) होते हैं।
यह नीले रंग की तीक्ष्ण गंध वाली गैस है। पृथ्वी से लगभग 25 से 40 किलोमीटर की ऊँचाई पर ओजोन की एक लगभग 3 मिलीमीटर मोटी परत है, जिसे ओजोन मण्डल (Ozone Mandal) के नाम से जाना जाता है।
ओजोन मण्डल पृथ्वी का रक्षा कवच है। सूर्य से आनेवाली घतक पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet Rays) का अधिकांश भाग ओजोन मण्डल द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, अन्यथा पृथ्वी पर जैव-संकट उत्पन्न हो जाता।
पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से तरह-तरह के नेत्र-रोग (Eye Disease), चर्म रोग (Skin Disease) आदि हो जाते हैं। अत: यह ओजोन मण्डल घातक अंतरिक्ष किरणों से हमारा बचाव करता है।
ओजोन मण्डल के लिए सर्वाधिक घातक क्लोरो-फ्लोरो कार्बन (CFC) है।
जब CFC वायुमण्डल में मुक्त होते हैं, तो सीधे वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर पहुँच जाते हैं।सूर्य की पराबैंगनी किरणें सी.एफ.सी. को तोड़ देती है।
इस प्रकार पृथक् हुई क्लोरीन ओजोन मण्डल के लिए घातक हो जाती है। यह क्लोरीन (Cl - Chlorine) ओजोन से क्रिया कर ऑक्सीजन बनाती है।
ऑक्सीजन स्वयं तो सूर्य की पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा नहीं करती, दूसरी इस प्रक्रिया से ओजोन के हजारों अणु (Molecule) टूटते हैं और ओजोन मण्डल नष्ट होने लगता है।
ओजोन मण्डल में जहाँ ओजोन नष्ट हो जाता है, वहाँ एक छिद्र बन जाता है, जिसे ओजोन छिद्र (Ozone Hole) कहा जाता है।
ओजोन मण्डल को हानि पहुँचाने वाले अन्य कारकों में वनों का विनाश, परमाणु बमों का विस्फोट, अंतरिक्ष अनुसंधान आदि भी उल्लेखनीय हैं।