पृथ्वी के वायुमंडल की रचना (Prithvi Ke Vayumandal Ki Rachna) : पृथ्वी को घेरे लगभग हजार किलोमीटर तक वायु का साम्राज्य है, जिसे हम वायुमंडल कहते हैं।
यह कई गैसों का मिश्रण है। परन्तु पृथ्वी तल से लगभग 32 किलोमीटर की ऊँचाई तक ही पूरे द्रव्यमान का 90% वायु उपस्थित है।
इससे यह साबित होता है, कि वायुमंडल का महत्त्वपूर्ण भाग पृथ्वी के निकट ही स्थित है। भले ही इसका विस्तार हजारों किलोमीटर तक क्यों न हो। कई आवश्यक तथा भारी गैसें पृथ्वी तल से 5 किलोमीटर की ऊँचाई तक ही सीमित है।
धरातल के निकट विभिन्न गैसों का आयतन के अनुसार उपस्थित निम्न प्रकार होती है-
नाइट्रोजन |
98.03% |
ऑक्सीजन |
20.09% |
निष्क्रिय गैसें |
0.93% |
कार्बन-डाय-ऑक्साइड |
0.03% |
हाइड्रोजन |
0.01% |
अन्य गैसें |
0.01% |
Total |
100% |
पृथ्वी तल से ऊँचाई बढ़ने पर हीलियम तथा हाइड्रोजन गैसों की मात्रा बढ़ने लगती है।
पृथ्वी तल के निकट वायु में उपर्युक्त 3 प्रमुख गैसों के अतिरिक्त धूलकण, जलवाष्प तथा धुआँ भी उपस्थित रहता है।