इस बम का निर्माण Nuclear Fusion के सिद्धान्त पर किया गया है। मूल सिद्धान्त, हल्के तत्त्व के परमाणु नाभिकों को संलयित (Fuse) कर भारी तत्त्व का निर्माण करना है।
हाइड्रोजन (H) सबसे हल्का तत्त्व है। इसके दो नाभिकों का Fuse कर एक अधिक द्रव्यमान का नाभिक तैयार किया जाता है।
इस प्रक्रिया में ऊर्जा की बहुत बड़ी मात्रा उत्पन्न होती है, और अभिक्रिया की एक श्रृंखला (Chain) बन जाती है, जिससे अपरिमित ऊर्जा (Infinite Energy) उत्पन्न होती है।
यह यूरेनियम (Uranium) के परमाणु बम (Atom Bomb) की अपेक्षा लगभग हजार गुना अधिक ध्वंसात्मक होता है।