1848 की फ्रांसीसी क्रांति का जर्मनी पर व्यापक प्रभाव पड़ा। राष्ट्रवाद की भावना बलवती हुई। मार्च 1848 में सर्व जर्मन नेशनल असेंबली (पुराने संसद) की सभा फ्रैंकफर्ट में बुलाई गई।
इसमें संविधान की एक रूपरेखा बनाई गई। इसके अनुसार प्रशा के राजा फ्रेडरिक विलियम के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना था।
फ्रेडरिक ऑस्ट्रिया से संघर्ष नहीं करना चाहता था। इसलिए उसने यह प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया। फलतः संसद भंग हो गई और जर्मनी का एकीकरण नहीं हो सका।