रूसी क्रांति (Russian Revolution) में बुद्धिजीवियों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान था। किसानों और मजदूरों पर मार्क्सवादी दर्शन का गहरा प्रभाव पड़ा।
इसके अतिरिक्त अनेक विख्यात विचारकों और साहित्यकारों ने निरंकुश जारशाही का विरोध करने की प्रेरणा लोगों को दी।
इनलोगों ने अपनी रचनाओं द्वारा सामाजिक अन्याय, भ्रष्ट राजनीतिक व्यवस्था, सामंतवादी व्यवस्था और श्रमिकों और किसानों के शोषण का विरोध करने और एक नए प्रगतिशील समाज के निर्माण का आह्वान किया।
ऐसे लेखकों में लियो टॉल्सटॉय, तुर्गनेव, दोस्तोवस्की, गोर्की तथा उनके उपन्यास क्रमशः वार एंड पीस, फादर्स एंड सन्स, क्राइम एंड पनिशमेंट एवं माँ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।