साम्यवादी व्यवस्था (Communist System) में व्यक्तिगत संपत्ति की अवधारणा नहीं थी, परंतु लेनिन ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसानों को जमीन का स्वामित्व दिया।
व्यक्तिगत स्वामित्व में उद्योग चलाने का भी अधिकार नई आर्थिक नीति (NEP) में दिया गया। स्पष्टतः, यह नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के साथ समझौता थी, परंतु इससे सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।