19वीं शताब्दी के सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों से भारतीय राष्ट्रीयता की भावना विकसित हुई।
बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में इन आंदोलनों द्वारा समाज एवं धर्म में सुधार लाने का प्रयास किया गया।
राजा राममोहन राय, दयानंद सरस्वती, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद के प्रयासों से नई चेतना जगी।
ब्रह्म समाज, आर्य समाज, प्रार्थना समाज तथा रामकृष्ण मिशन के प्रयासों से एकता, समानता, आत्मसम्मान, स्वतंत्रता, गौरव एवं राष्ट्रीयता (Nationality) की भावना विकसित हुई।