किसी भी भू-भाग का टूटकर या फिसल कर गिरना ही भू-स्खलन कहलाता है।
हमारे शब्दों में भूमि का टुकड़ा टूटकर या फिसलकर ऊँचे स्थान से नीचे गिरता है, उसे भू-स्खलन कहते हैं।
भू-स्खलन के निम्नलिखित कारण हैं -
- पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (Gravitational) शक्ति से प्रभावित होने से भू-स्खलन होता है।
- निर्माण का अवशिष्ट पर्वतों में अवशेष रह जाने से भू-स्खलन होता है।
- पर्वतीय ढालों में सड़क, बाँध (Dam), भवन आदि निर्माण कार्य ढीला होकर नीचे लुढ़क जाता है।
- वनों (Forest) की अंधाधुंध कटाई, पशुचारण आदि के कारण मिट्टी ढीली पड़ जाती है, और भू-स्खलन होता है।
- खनिजों (Minerals) के खनन और विस्फोटों के कारण भूमि ढीली पड़ जाती है, और भू-स्खलन होता है।
- बड़े-बड़े ऊँचे स्थान में बाँधों के निर्माण से जल के दबाव के कारण भू-स्खलन होता है।