भू-परिक्रमा (Bhu-Parikarma) के लेखक विद्यापति (Vidyapati) थे। ऐसा माना जाता है, कि यह प्रसिद्ध कवि विद्यापति ठाकुर की पहली ग्रंथ रचना है।
भू-परिक्रमा नामक इस प्रसिद्ध ग्रंथ में हमें बलदेवजी द्वारा की गयी भूपरिक्रमा का वर्णन है और नैमिषारण्य से मिथिला तक के सभी तीर्थ स्थलों का वर्णन देखने को मिलता हैं।