आतंकवाद का उदय (Rise of Terrorist / Revolutionary Movement) : 20वीं सदी के शुरू में उग्रवादी आंदोलन के साथ-साथ आतंकवाद / क्रांतिकारी आंदोलन की शुरूआत हुई।
इसका प्रारंभ महाराष्ट्र में हुआ था, लेकिन इसका प्रधान केंद्र बंगाल बन गया। इसके प्रमुख नेताओं में अरविन्द घोष के छोटे भाई बारीन्द्र कुमार घोष तथा स्वामी विवेकानन्द, छोटे भाई भूपेन्द्रनाथ दत्त आदि थे।
इन लोगों ने युगांतर तथा सान्धा नामक क्रांतिकारी पत्रों द्वारा आतंकवाद का प्रचार किया। इन्हें आतंकवाद का अग्रदूत कहा जाता है।
इन लोगों ने नवयुवकों को आतंकवाद का मार्ग अपनाने का आह्वान किया तथा गुप्त संगठन के जरिये तोड़-फोड़, हत्या, बमबाजी आदि शुरू किये गये। धीरे-धीरे इसकी समाप्ति हो गई।