भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन की घटनाओं में साइमन कमीशन की नियुक्ति एक महत्वपूर्ण घटना है।
सन् 1919 ई. के अधिनियम में यह व्यवस्था थी, कि उसके कार्यान्वयन की जाँच के लिए 10 वर्षों के भीतर एक आयोग की नियुक्ति होगी।
उसी व्यवस्था के आधार पर समय से 2 वर्ष पूर्व ही 8 नवम्बर 1927 ई० को ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में एक आयोग नियुक्त किया। इस कमीशन के सात सदस्य थे जो सभी के सभी अंग्रेज थे।
चूंकि इस कमीशन के अध्यक्ष सर जॉन साइमन थे, अतः यह कमीशन साइमन कमीशन (Simon Commission) कहलाया। कमीशन में एक भी भारतीय सदस्य नहीं था।
कमीशन का उद्देश्य - साइमन कमीशन को यह कार्यभार सौंपा गया था, कि इस बात का पता लगावे कि
- भारतीय प्रांतों में सरकारें कैसे चल रही हैं?
- प्रतिनिधि संस्थाएँ कहाँ तक ठीक रूप से कार्य संपादन कर रही हैं?
- शिक्षा की प्रगति कहाँ तक हुई है?
- उत्तरदायी सरकार सफल रही है या असफल ?
आयोग को उपर्युक्त बातों का पता लगाकर यह भी सुझाव देना था, कि भारत में उत्तरदायी सरकार के सिद्धांतों को बढ़ाया जाय या सीमित किया जाय या उसमें कोई अन्य उचित परिवर्तन किया जाय।