झारखंड (Jharkhand) के ओराँव जनजातियों ने जतरा भगत के नेतृत्व में 20वीं शताब्दी के आरंभिक चरण में टाना भगत आंदोलन चलाया था।
जतरा भगत गाँधीजी के विचारों से प्रभावित थे। उन्होंने अहिंसक आंदोलन चलाया। इसमें सामाजिक और शैक्षणिक सुधारों पर विशेष बल दिया गया।
साथ ही, एकेश्वरवाद पर भी बल दिया गया। जमींदारों और साहूकारों के अत्याचारों का भी शांतिपूर्ण विरोध करने को कहा गया।
आंदोलन का व्यापक प्रभाव पड़ा। बिहार (झारखंड) में गाँधीजी के असहयोग आंदोलन (Non-Cooperation Movement) को इसने व्यापक आधार प्रदान किया।