यूरोप और इंगलैंड में कारखानों में उत्पादन होने के पहले की स्थिति, जिसमें कुटीर उद्योगों की प्रधानता थी, को आदि-औद्योगिकीकरण (Pre-industrialization) कहा जाता है।
यद्यपि इस समय भी उत्पादन बड़े स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए होता था, परंतु यह केंद्रित न होकर विकेंद्रित था।
व्यापारी गाँवों में जाकर किसानों और कारीगरों को पेशगी रकम देकर उनसे निर्मित माल या कच्चा माल प्राप्त कर बाजारों में बेचते थे। इनकी माँग विश्व बाजार और उपनिवेशों में थी।