बहुराष्ट्रीय कंपनियों (Multinational Companies) ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है।
भारत जैसे देशों में बेरोजगारी समाप्त करने तथा सरकारी नौकरियों पर दबाव कम करने में इनकी अग्रणी भूमिका है।
इन कंपनियों ने व्यापार और तकनीक का प्रसार कर समस्त विश्व को एक सूत्र में पिरो दिया है।
इनकी आपसी प्रतियोगिता और प्रतिस्पर्धा का प्रभाव व्यापार-वाणिज्य पर व्यापक रूप से पड़ा है। इन कंपनियों द्वारा विश्व अर्थव्यवस्था का वैश्वीकरण हो गया है।