समाचारपत्रों के पत्रेक्षण नामक इस अधिनियम को गवर्नर-जनरल वेलेस्ली ने भारत में फ्रांसीसी क्रांति के प्रभावों को फैलने से रोकने के लिए पारित किया।
इसके द्वारा समाचारपत्रों पर सेंसरशिप लगा दिया गया। प्रत्येक समाचारपत्र के लिए यह आवश्यक बना दिया गया कि वह समाचारपत्र में संपादक, मुद्रक एवं प्रेस के मालिक का नाम प्रमुखता से प्रकाशित करे।
प्रकाशन के पूर्व सभी समाचारों को सरकार के सचिव से अनुमति लेना आवश्यक बना दिया गया।
सन् 1807 ई० में यह व्यवस्था समाचारपत्रों के अतिरिक्त पत्रिकाओं, छोटे प्रकाशनों एवं पुस्तकों पर भी लागू की गई।