रुपया शब्द की उत्पति संस्कृत भाषा के शब्द 'रौप्य' से हुई है, जिसक अर्थ होता है चांदी।
भारत भी उन गिने चुने देशों में शुमार है जिसने सबसे पहले सिक्के जारी किए। परिणामतः इसके इतिहास में अनेक मौद्रिक इकाईओं (मुद्राओं) का उल्लेख मिलता है।
इस बात के कुछ ऐतिहासिक प्रमाण मिले हैं कि पहले सिक्के 2500 और 1750 ईसा पूर्व के बीच कभी जारी किए गए थे। लेकिन दस्तावेजी प्रमाण सातवीं/छठी शताब्दी ईसा-पूर्व के बीच सिक्कों की ढलाई के ही मिले हैं।
अगली कुछ सदियों के दौरान जैसे-जैसे साम्राज्यों का उदय और पतन हुआ, देश की मुद्राओं में इसका प्रगति-क्रम दिखाई देने लगा। इन मुद्राओं से प्रायः तत्कालीन राजवंश, सामाजिक-राजनीतिक घटनाओं, आराध्य देवों और राजाओं का परिचय मिलता था।
इन सिक्कों के निर्माण की विशिष्ट तकनीक के कारण इन्हें पंच मार्ड सिक्के कहा जाता है।
इनमें इंडा-ग्रीक काल के यूनानी देवताओं और उसके बाद के पश्चिमी क्षेत्र वाली तांबे की मुद्राएं शामिल हैं जो पहली और चौथी शताब्दी (ईसवीं) के दौरान जारी की गई थी।