राष्ट्रवाद के उदय के कारण (Reason for the Rise of Nationalism) :
राष्ट्रवाद की भावना का जन्म पुनर्जागरण काल में ही हो चुका था, परंतु इसका उदय और विकास सन् 1789 ई० की फ्रांसीसी क्रांति (French Revolution) से हुआ।
इस क्रांति ने राजनीति को कुलीन वर्ग के हाथों से निकालकर मध्यम वर्ग और सर्वसाधारण वर्ग तक पहुँचा दिया।
इससे यूरोप में निरंकुशवाद के विरुद्ध राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। इसका प्रभाव अन्य राष्ट्रों पर भी पड़ा।
बाद में नेपोलियन ने अपनी विजयों एवं नीतियों से राष्ट्रवादी भावना को आगे बढ़ाया। इटली और जर्मनी को मात्र भौगोलिक अभिव्यक्ति से बाहर लाकर उनके एकीकरण का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
इसके साथ ही, नेपोलियन (Napoleon) के आधिपत्य के विरुद्ध भी राष्ट्रवादी भावना का विकास हुआ।
मेटरनिक की नीतियों ने भी राष्ट्रवादी भावना को बढ़ावा दिया और अंततः समस्त यूरोप (Europe) इसके प्रभाव में आ गया।
राष्ट्रवाद के उदय के प्रभाव (Effects of the Rise of Nationalism) :
1. राष्ट्रवादी भावना से प्रेरित होकर सन् 1830-48 ई॰ के मध्य यूरोपीय राष्ट्रों में क्रांतियाँ हुईं। जिनके परिणामस्वरूप अनेक नए राज्यों का उदय हुआ। यूनान, जर्मनी एवं इटली के स्वतंत्र राष्ट्रों का उदय भी राष्ट्रवाद के कारण हुआ।
2. उपनिवेशों (Colony) में औपनिवेशिक शासकों के विरुद्ध मुक्ति आंदोलन चले।
3. भारतीयों पर भी राष्ट्रवाद का गहरा प्रभाव पड़ा।
4. भारतीय धर्मसुधार आंदोलन (Religious Reform Movement) के नेताओं पर भी राष्ट्रवादी भावना का व्यापक प्रभाव पड़ा।
5. राष्ट्रवाद के विकास से प्रतिक्रियावादी और निरंकुश शक्तियाँ कमजोर पड़ गईं।
6. राष्ट्रवाद के विकास से साम्राज्यवादी प्रवृत्ति भी बढ़ी और संकीर्ण राष्ट्रवाद का उदय हुआ।