वियना सम्मेलन (Vienna Convention) का मुख्य उद्देश्य नेपोलियन द्वारा यूरोप की राजनीति में लाए गए परिवर्तनों को समाप्त करना था। नेपोलियन के पूर्व के यूरोपीय शक्ति-संतुलन को बनाए रखना था।
साथ ही, फ्रांस की क्रांति द्वारा प्रदत्त गणतंत्र एवं प्रजातंत्र की भावना का विरोध करना तथा पुरातन व्यवस्था की स्थापना करना भी इसका उद्देश्य था।
वियना काँग्रेस (Vienna Congress) ने यूरोप के मानचित्र में निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए, जो निम्नांकित हैं :
- फ्रांस को नेपोलियन द्वारा विजित क्षेत्रों को वापस करने को कहा गया। उसकी शक्ति पर नियंत्रण रखने के लिए उसके चारों ओर नए राज्यों का घेरा बनाया गया।
- प्रशा को उसकी पश्चिमी सीमा पर अनेक नए और महत्त्वपूर्ण राज्य दिए गए।
- इटली (Italy) को अनेक लघु राज्यों में विभक्त कर दिया गया।
- जिनोआ और सार्डिनिया पिडमौंट के साथ मिला दिए गए।
- रूस (Russia) को पोलैंड का एक भाग मिला।
- ब्रिटेन को माल्टा (Malta) सहित अन्य क्षेत्र दिए गए।
- नेपोलियन द्वारा स्थापित 39 जर्मन राज्यों के महासंघ पर ऑस्ट्रिया का प्रभाव बनाए रखा गया।
- फ्रांस, स्पेन और इटली में पुराने राजवंशों की पुनर्स्थापना की गई।
- यूरोपीय कन्सर्ट, पवित्र संघ और चतुर्राष्ट्र मैत्री स्थापित की गई।
इस प्रकार, वियना काँग्रेस में प्रतिक्रियावादी शक्तियों की विजय हुई।