सन् 1848 ई० में यूरोप में क्रांतियों का दौर आरंभ हुआ। इसका प्रमुख कारण प्रतिक्रियावादी शक्तियों का पुनरुत्थान, सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन तथा राष्ट्रवादी विचारधारा का प्रबल होना था।
1. जर्मनी (Germany) : जर्मनी के विभिन्न भागों में विद्रोह हुए। प्रशा, सैक्सनी और हनोवर में उदारवादी संविधान लागू किए गए।
2. ऑस्ट्रिया (Austria) : विद्रोह के पश्चात मेटरनिक ऑस्ट्रिया छोड़कर चला गया। मेटरनिक व्यवस्था समाप्त हो गई।
3. फ्रांस (France) : फरवरी 1848 में फ्रांस में क्रांति हुई। इसके परिणामस्वरूप लुई फिलिप गद्दी छोड़कर इंगलैंड चला गया। फ्रांस में द्वितीय गणराज्य की स्थापना हुई।
4. इटली (Italy) : मिलान और पोप के राज्य में विद्रोह हो गया। चार्ल्स एलबर्ट ने उदारवादी संविधान लागू किया।
5. हंगरी (Hungary) : लुई कोसुथ और फ्रांसिस डिक के प्रयासों से हंगरी में संवैधानिक सुधार लागू हुए। हंगरी पर से ऑस्ट्रियाई प्रभाव समाप्त कर दिया गया।
6. बोहेमिया (Bohemia) : ऑस्ट्रिया ने बोहेमिया में प्रशासनिक स्वायत्तता देने की माँग मान ली, परंतु आंदोलन के हिंसक होने से इसे कुचल दिया गया।
7. पोलैंड (Poland) : पोलैंड की क्रांति को रूस ने कुचल दिया। 1848 की क्रांतियों में उदारवादी राष्ट्रवादी तत्त्व पूर्णतः सफल नहीं हो सके, परंतु क्रांतियों से प्रभावित होकर शासकों ने संवैधानिक सुधारों के प्रयास किए।