भारतीय संविधान में भारत के लोगों के लिए 11 मौलिक कर्तव्य दिए गए हैं जिसका वर्णन भाग 4(A) में किया गया है जो है :
1. संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज और राष्ट्रगान का आदर करें।
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखें और उनका पालन करें।
3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें।
4. देश की रक्षा करें और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करें।
5. भारत के सभी लोगों में समरसता और सामान मातृत्व की भावना का निर्माण करें, जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित सभी भेदभाव से परे हो। ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हैं।
6. हमारी सामासिक संस्कृति (Composite Culture) की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करें।
7. प्राकृतिक पर्यावरण जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्यजीव सम्मिलित हैं कि रक्षा करें और उसका संवर्धन करें तथा प्राणी मात्र के प्रति दया भाव रखें।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद, ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें और हिंसा से दूर रहें।
10. व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें, जिससे राष्ट्र निरंतर बढ़ते हुए प्रयत्न व उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें।
11. 6 वर्ष की आयु से 14 वर्ष की आयु के बच्चों के माता-पिता और संरक्षक जो भी हों, उन्हें शिक्षा के अवसर प्रदान करें। (इस कर्तव्य को संविधान के 86 वें संविधान संशोधन 2002 की धारा 4 द्वारा जोड़ा गया है।)