भारतीय संविधान (Indian Constitution) के अनुच्छेद-52 के अनुसार भारत का एक राष्ट्रपति (President) होगा और अनुच्छेद-53 के अनुसार भारत संघ की सम्पूर्ण कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में ही निहित होगी।
निर्वाचन अनुच्छेद-54 और 55 में राष्ट्रपति के निर्वाचन हेतु एक निर्वाचक मण्डल की व्यवस्था की गयी हैं, जिसके प्रावधान के अनुसार राष्ट्रपति का निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के आधार पर एकल संक्रमणीय मतदाता द्वारा गुप्त मतदान (Secret Ballot) की प्रक्रिया के माध्यम से निर्वाचक मण्डल के सदस्यों द्वारा किया जाता है।
निर्वाचक मण्डल में संसद (MP) के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य और विधान सभाओं में निर्वाचित सदस्य होते हैं।
विधान सभा के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मतों की संख्या
= (राज्यों की कुल संख्या/राज्य-विधान सभा के सदस्य) ÷ 1000
नोट - गणना के बाद यदि शेष 500 या उससे अधिक बचे तो प्रत्येक सदस्यों के मतों की संख्या में 1 जोड़ दिया जाता है।
संसद के प्रत्येक निर्वाचित सदस्य के मतों की संख्या =
(राज्यों की विधान सभाओं के कुल सदस्यों के प्राप्त मतों की संख्या का योग ÷ संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या)
योग्यताएँ (Eligibilities) - भारतीय संविधान के अनुच्छेद-58 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बनने वाले व्यक्तियों के लिए योग्यताओं का निर्धारण किया गया है।
भारत का राष्ट्रपति वही हो सकता है, जो
- भारत का नागरिक
- जिसकी आयु कम-से-कम 35 वर्ष की हो।
- लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
- भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर न हो।