हिंदचीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन कीजिए। Hindchin Mein Rashtravad Ke Vikas Ka Varnan Kejiye.
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हिंदचीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन कीजिए। Hindchin Mein Rashtravad Ke Vikas Ka Varnan Kejiye. Or, Describe the Development of Nationalism in Indochina.

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हिंदचीन (Indochina) में औपनिवेशिक सरकार की नीतियों के विरुद्ध असंतोष की भावना व्याप्त हो गई। जिसने राष्ट्रवाद (Nationalism) का विकास किया।

12वीं शताब्दी के आरंभिक चरण से ही राष्ट्रवादी भावना जोर पकड़ने लगी। सन् 1903 ई० में फान बोई चाऊ ने एक क्रांतिकारी संगठन दुई तान होई की स्थापना की।

इसने उपनिवेशवाद-विरोधी आंदोलन चलाया। उन्होंने अपनी पुस्तक दि हिस्ट्री ऑफ दि लॉस ऑफ वियतनाम द्वारा वियतनाम की स्वतंत्रता की वकालत की।

फान चू त्रिन्ह ने गणतंत्रात्मक व्यवस्था (Republican System) की स्थापना की बात कही।

वियतनाम के आरंभिक राष्ट्रवादियों ने पूरब की ओर चलो आंदोलन चलाया। इसमें जापान (Japan) से संबंध स्थापित कर फ्रांसीसियों के विरुद्ध सहायता ली गई।

टोकियो में विद्यार्थियों ने रेस्टोरेशन सोसायटी की भी स्थापना की। सन् 1905 ई० में जापान द्वारा शक्तिशाली रूस को पराजित करने से राष्ट्रवादियों को प्रेरणा मिली।

सन् 1911 ई० की चीनी क्रांति (Chinese Revolution) का भी उनपर व्यापक प्रभाव पड़ा। विद्यार्थियों ने औपनिवेशिक शिक्षा नीति का विरोध किया।

उनलोगों ने यंग अन्नान दल की स्थापना की तथा अन्नानीज स्टूडेंट नामक पत्रिका प्रकाशित कर राष्ट्रवाद का प्रचार किया।

जोन्गुएन आई के अन्नामी दल, वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन, वियतनामी राष्ट्रवादी दल, जैसी संस्थाओं ने उपनिवेशवाद (Colonialism) का विरोध किया एवं लोगों को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने को कहा।

सन् 1930 ई० से वियतनामी राष्ट्रवादी आंदोलन उग्र और व्यापक होने लगा। हो ची मिन्ह के रूप में वियतनामियों को एक नया नेता मिला। जिसने संघर्ष को आगे बढ़ाया।

हो ची मिन्ह साम्यवादी विचारधारा से गहरे रूप से प्रभावित थे। 1925 में ही उन्होंने रूस में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया था।

वियतनाम (Viyatnaam) के राष्ट्रवादियों को संगठित कर उन्होंने सन् 1930 ई० में वियतनामी कम्युनिस्ट पार्टी (वियतनाम काँग सेन देंग) की स्थापना की।

वियतनाम का स्वतंत्रता संघर्ष उन्हीं के नेतृत्व में चला। द्वितीय विश्वयुद्ध (World War-॥) में जापान द्वारा हिंदचीन पर अधिकार करने का विरोध करने के लिए उन्होंने वियेतमिन्ह की स्थापना की।

आत्मसमर्पण करने के बाद जापान हिंदचीन से अपनी सेना हटाने लगा। उसने अनाम का शासन वहाँ के प्राचीन राजवंश के शासक बाओदाई को सौंप दिया।

शासन चलाने में असमर्थ बाओदाई ने पदत्याग कर दिया। अतः 2 सितंबर 1945 ई० को हो ची मिन्ह की अध्यक्षता में वियतनामी लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की गई।

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