माई ली (Mai Lee) दक्षिणी वियतनाम का एक गाँव था। अमेरिका को शक था कि इस गाँव के निवासी वियतकांग समर्थक थे।
अतः, उन्हें दंडित करने के उद्देश्य से अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव को घेरकर उसपर आक्रमण कर दिया। गाँव के सभी पुरुषों की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई।
इतने से ही सेना संतुष्ट नहीं हुई। स्त्रियों और बच्चियों को भी नहीं बख्शा गया। उन्हें बंधक बनाकर रखा गया और कई दिनों तक उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
इसके बाद आग लगाकर पूरे गाँव को जलाकर राख के ढेर में बदल दिया गया। हत्याकांड और आगजनी के बाद, लाशों के ढेर में दबा हुआ एक वृद्ध व्यक्ति जिंदा बच गया।
किसी प्रकार वह लुकते-छिपते गाँव से भागने में सफल हो सका। बाहर आकर उसने इस लोमहर्षक घटना का आँखों देखा विवरण लोगों को सुनाया।
इससे अमेरिकी नीति के विरुद्ध रोष और घृणा की भावना बढ़ी। अमेरिकी नीति की कटु आलोचना हुई। प्रशासन की भर्त्सना की गई।
समाचारपत्रों ने घटना का विवरण छापकर इसका प्रचार किया। इससे भी अमेरिका की फजीहत हुई।
दूसरी ओर वियतनामियों में इस घटना से सदमा और रोष उत्पन्न हुआ। वे अमेरिकी-वियतनामी युद्ध में दुगुने जोश से लड़ने लगे।