भारत के वर्तमान युग को गठबंधन की सरकारों के युग की संज्ञा दी जाती है। यहाँ संसदीय शासन व्यवस्था स्थापित की गई है।
केंद्र के स्तर पर लोकसभा (Lok Sabha) में बहुमत प्राप्त दल को सरकार बनाने का अवसर मिलता है। यही बात प्रांतों के साथ भी लागू होती है।
नवनिर्वाचन के उपरांत बहुमत के आधार पर गठित सरकार तभी तक टिक पाती है। जब तक उसे लोकसभा या विधानसभा में बहुमत प्राप्त रहता है।
सन् 1967 ई० तक प्रांतों तथा 1977 तक केंद्र में काँग्रेस (Congress) को बहुमत प्राप्त रहा। परंतु, इसके उपरांत केंद्र और प्रांतों में सरकार बनाने के लिए कई दलों के सहयोग से बहुमत जुटाने के युग का प्रारंभ हुआ, जिसे गठबंधन की सरकार की संज्ञा दी गई।
गठबंधन में कई राजनीतिक दल सम्मिलित होते हैं। निर्दलीय भी गठबंधन में साझेदार होते हैं।