सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 से प्रत्येक नागरिक को यह अधिकार मिल गया है कि वह विभिन्न समस्याओं के समाधान की दिशा में सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी प्राप्त करे।
उससे संबंधित निर्णय की प्रक्रिया, कार्य की प्रगति और किसी भी अभिलेख की माँग करे। सरकारी अधिकारी के लिए माँगी गई सूचना उपलब्ध कराना उसका कानूनी उत्तरदायित्व बन गया है।
इससे गोपनीयता की जगह प्रशासन में पारदर्शिता आई है। पदाधिकारी सतर्क, पारदर्शी और निष्पक्ष रहने के लिए बाध्य हो गए हैं। इस प्रकार यह अधिनियम लोकतंत्र का रखवाला है।