सामाजिक विभेदों की उत्पत्ति के कारणों पर प्रकाश डालें। Samajik Vibhedon Ki Utpatti Ke Karnon Per Prakash Dalen.
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सामाजिक विभेदों की उत्पत्ति के कारणों पर प्रकाश डालें। Samajik Vibhedon Ki Utpatti Ke Karnon Per Prakash Dalen. Or, Throw Light on the Causes of Origin of Social Differences.

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सामाजिक विभेदों की उत्पत्ति के जिम्मेवार अनेक कारण होते हैं। प्रत्येक समाज में विभिन्न जाति, धर्म, भाषा, संप्रदाय एवं क्षेत्र के लोग निवास करते हैं।

इन विभिन्नताओं के चलते उनमें विभेद की स्थिति पैदा होती है। जन्म सामाजिक विभेदों की उत्पत्ति का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है।

जहाँ भी किसी व्यक्ति का जन्म होता है वह किसी न किसी परिवारविशेष का सदस्य होता है। उस परिवार का संबंध किसी-न-किसी जाति, धर्म, संप्रदाय, समूह, भाषा तथा क्षेत्र से जुड़ा होता है।

इसके चलते उस व्यक्तिविशेष का संबंध उसी जाति, धर्म, समूह, भाषा एवं क्षेत्र से जुड़ जाता है। यहीं से विभेद की उत्पत्ति स्वतः हो जाती है।

उपर्युक्त कारकों के अलावे भी कुछ ऐसे कारक हैं, जो सामाजिक विभेद उत्पन्न करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

लिंग, रंग, नस्ल, धन इत्यादि भी कुछ ऐसे कारक हैं जो सामाजिक विभेद बढ़ाने में सहयोग करते हैं। व्यक्ति के जन्म लेते ही ये कारक सामाजिक विभेद का रूप ग्रहण कर लेते हैं।

स्त्री-पुरुष, गोरे-काले, लंबे-नाटे, अमीर-गरीब, शक्तिशाली-कमजोर जैसे विभेद भी सामाजिक विभेद में बदल जाते हैं।

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