प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को ही मूर्तरूप देने के लिए भारत में पंचायती राज की स्थापना की गई है।
भारत में पंचायती राज की स्थापना के उद्देश्य से ही भारत सरकार ने बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में एक कमिटी की नियुक्ति की थी। इस कमिटी ने निम्नलिखित सुझाव दिए।
1. सरकार को अपने कुछ कार्यों और उत्तरदायित्वों से मुक्त हो जाना चाहिए और उन्हें एक ऐसी संस्था को सौंप देना चाहिए, जिसके क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विकास के सभी कार्यों की पूरी जिम्मेदारी रहे।
सरकार सिर्फ इन संस्थाओं का पथप्रदर्शन और निरीक्षण करती रहे। सरकार को चाहिए कि वह अपने कार्यक्षेत्र को उच्च कोटि की योजनाओं तक ही सीमित रखे।
2. लोकतंत्र की आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए राज्यों की उच्चतर इकाइयों (जैसे प्रखंड, जिला) से ग्राम पंचायतों का अटूट संबंध हो। अतएव, प्रखंड और जिले में भी पंचायती राज व्यवस्था को अपनाना आवश्यक है।
3. प्रखंड स्तर पर एक निर्वाचित स्वायत्त शासन की संस्था की स्थापना की जाए जिसका नाम पंचायत समिति रखा जाए। इस पंचायत समिति का संगठन ग्राम पंचायतों द्वारा हो।
4. जिला स्तर पर एक निर्वाचित स्वायत्त शासन की संस्था की स्थापना की जाए जिसका नाम जिला परिषद रखा जाए। इस जिला परिषद का संगठन पंचायत समितियों द्वारा हो।
बिहार में भी त्रिस्तरीय पंचायती राज की स्थापना हो चुकी है। इसके लिए बिहार में 2006 में पंचायत राज अधिनियम पारित हुआ।
वर्तमान में इस अधिनियम के अनुसार ही बिहार में ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत, प्रखंड स्तर पर पंचायत समिति और जिला स्तर पर जिला परिषद का गठन किया गया है।