लोहा अथवा आयरन की किस्में (Types of Iron) निम्नांकित हैं :
आयरन मुख्यतः तीन प्रकार का होता है —
- ढलवाँ आयरन (Cast iron)
- पिटवाँ आयरन (Wrought iron) तथा
- स्टील (Steel)
1. ढलवाँ आयरन (Cast Iron) – वात भट्ठी से प्राप्त आयरन ढलवाँ आयरन कहलाता है। इसमें कार्बन करीब (2-5%) तक उपस्थित रहता है।
जिस कारण यह कठोर तथा भंगुर होता है, इसकी अन्य अशुद्धियाँ P, Mn तथा Si आदि हैं।
2. पिटवाँ आयरन (Wrought Iron) – यह शुद्ध आयरन होता है। यह तन्य एवं आघातवर्धनीय होता है। इससे तार एवं चादरें बनाए जाते हैं। इसमें कार्बन की कम मात्रा रहती है।
3. स्टील (Steel) – स्टील, आयरन तथा कार्बन का मिश्रधातु (Alloys) है।
स्टील तीन प्रकार के होते है, जो निम्नलखित हैं –
1. मृदु स्टील
2. मध्यम स्टील
3. कठोर स्टील तथा
4. स्टेनलेस स्टील।
1. मृदु स्टील (Mild Steel) – इसमें करीब 0.15% कार्बन रहता है। यह आघातवर्धनीय एवं तन्य होता है। इससे तार एवं चादरें बनाई जाती हैं।
2. मध्यम स्टील (Medium Steel) – इसमें करीब 0.1% कार्बन उपस्थित रहता है। यह कठोर होता है। इसी कारण इससे रेल लाइन, पुल तथा जहाज आदि बनाए जाते हैं।
3. कठोर स्टील (Hard Steel) – इसमें करीब 1.5% कार्बन वर्तमान रहता है। यह औजार (tools) बनाने के काम में आता है।
4. स्टेनलेस स्टील (Stainless Steel) – इसमें करीब 15% क्रोमियम एवं निकेल मिश्रित रहते हैं। यह कठोर होता है एवं इसमें जंग लगने की सम्भावना नहीं रहती है। इससे बर्तन, ब्लेड इत्यादि सामग्री बनाए जाते हैं।