स्थितिज ऊर्जा (Potential Energy) : जब किसी वस्तु में विशेष अवस्था (State) या स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता (Ability to Work) आ जाती है, तो उसे स्थितिज ऊर्जा (Sthitij Urja) कहते हैं।
जैसे — बांध बनाकर इकट्ठा किए गए पानी की ऊर्जा, घड़ी की चाभी में संचित ऊर्जा, तनी हुई स्प्रिंग या कमानी की ऊर्जा।