जलालुद्दीन खिलजी वंश का संस्थापक था। उसने किलोखरी (कूलागढी) को अपनी राजधानी बनाई थी।
सुल्तान बनने के समय जलालुद्दीन 70 वर्ष का था। यही कारण था कि वह उधार और सहिष्णु बन गया था। इसके शासनकाल में तीन प्रमुख विद्रोह हुए -
(1.) मलिक छज्जू का विद्रोह
(2.)ताजुद्दीन कूची का षड्यंत्र
(3.)सीदी मौला का षड्यंत्र (जिसे बाद में फांसी दे दी )
जलालुद्दीन के समय की सबसे महत्वपूर्ण घटना अलाउद्दीन का देवगिरी का आक्रमण था। रामचंद्र देव देवगिरी का शासक था। अमीर खुसरो और हसन देहलवी जलालुद्दीन के दरबार में रहते थे।
20 जुलाई 1296 को अलाउद्दीन के इशारे पर इख्तियारउद्दीन हूद द्वारा छलपूर्वक जलालुद्दीन का वध कर दिया गया।