इस तापमापी (Thermometer) से दूर स्थित वस्तु के ताप को मापा जाता है; जैसे सूर्य का ताप। इसके द्वारा प्राय: 800 डिग्री सेल्सियस से ऊंचे ताप ही मापे जाते हैं, इससे नीचे का ताप नहीं; क्योंकि इससे कम ताप की वस्तुएं उष्मीय विकिरण उत्सर्जित नहीं करती है।
यह तापमापी स्टीफेन के नियम पर आधारित है, जिसके अनुसार उच्च ताप पर किसी वस्तु से उत्सर्जित विकिरण की मात्रा इसके परम ताप के चतुर्थ घात के अनुक्रमानुपाती होती है।