ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम (First Law of Thermodynamics) मुख्यत: ऊर्जा संरक्षण (Energy Conservation) को प्रदर्शित करता है। इस नियम के अनुसार —
किसी निकाय को दी जाने वाली उष्मा दो प्रकार के कार्यों में व्यय होती है :
- निकाय की आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करने में, जिसमें निकाय का ताप (Temperature) बढ़ता है।
- बाह्य कार्य (External Work) करने में।