शिक्षक दिवस पर निबंध। Shikshak Diwas Par Nibandh
हर वर्ष 5 सितंबर को हमारे नि:स्वार्थ शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस (Teacher's Day) मनाया जाता है।
5 सितम्बर हमारे पूर्व राष्ट्रपति (President) डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिन है, जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप मनाने के आह्वान किया। उन्हें अध्यापन पेशे से बहुत प्यार था।
उन्होंने कहा – हमारे शिक्षक हमें शैक्षिक हमें शैक्षणिक दृष्टि से बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान, विश्वास स्तर को बढ़ाकर नैतिक रूप से भी हमें अच्छा और बेहतर बनाते हैं।
जीवन (Life) में अच्छा करने के लिए हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थियों (Students) के द्वारा इस दिन को बहुत उत्सव और खुशी के साथ मनाया जाता है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड (Greeting Cards) व अन्य उपहार देकर बधाई देते हैं, उनका सम्मान करते हैं।
यह एक महान अवसर वाला दिन है। हमारे प्रथम उपराष्टपति एवं द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण का जन्म 5 सित्मबर 1880 में चेन्नई (मद्रास) के एक छोटे शहर में हुआ था।
आजादी के तुरन्त बाद इन्हें रूस का राजदूत (Russian Ambassador) नियुक्त किया गया। उसके पूर्व में मद्रास विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थे। एक महान दर्शण शास्त्री के अलावा वे संस्कृत के भी प्रकांड विद्यान एवं अंग्रेजी भाषा (English Language) के ज्ञाता थे।
प्रतिभा सम्पन्न डॉ. राधाकृष्णन ने श्री मद्भावगत का अनुवाद संस्कृत एवं अंग्रेजी में किया। इस पुस्तक में डॉ. राधाकृष्णन को ख्याति दिलाई। ये एक महान लेखक और गुरु के में रूप में लोकप्रिय हो गये। वे एक कुशल प्रशासक एवं शिक्षाविद् एवं वक्ता के रूप में जाने जाते हैं।
सन् 1954 ई० में जिन तीन महान व्यक्तियों को भारत रत्न (Bharat Ratna) की उपाधि से नवाजा गया उनमें से एक वे भी हैं। अन्य दो व्यक्ति महान वैज्ञानिक सी० बी० रमण और सी. रामगोपालचारी जो आजाद भारत के प्रथम एवं अन्तिम गवर्नर जनरल (Governor General) थे।
अपने जन्मदिन (Birthday) का इन्होंने एक महान शिक्षाविद् होने के नाते शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन समस्त देश के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय में हर्षोल्लास एवं धूमधाम से शिक्षक दिवस के रूप में इनका जन्म दिन मनाया जाता है।
इस अवसर पर प्राथमिक, मध्य एवं माध्यमिक विद्यालयों के साथ विशिष्ट एवं समाजसेवी शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार (National Prize) से सम्मानित किया जाता है। इस अवसर पर उन्हें दस हजार नकद राशि (Cash Money) के अलावा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता है। ऐसे राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों की सेवावधि में तीन वर्षों की वृद्धि की जाती हैं।
शिक्षा (विभाग) मंत्री एवं विभाग के उच्चस्तरीय एवं एक समिति ऐसे शिक्षकों का चयन करते हैं, एवं पुरस्कार के लिए अनुशंसा करते हैं।
इस अवसर पर सांस्कृतिक आयोजन एवं निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन को हम उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि देकर उस दिन प्रति वर्ष 5 सितम्बर को याद रखते हैं।
महान देश की सेवा के लिए महान व्यक्ति डॉ. राधाकृष्णन (Dr. Radhakrishnan)को शत् शत् प्रणाम।