संवेग संरक्षण सिद्धांत (Law Of Conservation Of Momentum) की सहायता से दैनिक जीवन की बहुत सी घटनाओं की व्याख्या की जा सकती है। इनमें कुछ मुख्य उदाहरण निम्नलिखित हैं —
(A) बंदूक का प्रतिक्षेप — गोली दागने के पहले गोली और बंदूक का कुल संवेग शून्य होता है और गोली दागने के बाद गोली की गति की विपरीत दिशा में बंदूक चलता है, अर्थात बंदूक का प्रतिक्षेप (Recoil) होता है, ताकि दोनों का कुल संवेग शून्य रहे।
(B) रॉकेटों का नोदन — रॉकेट के नोदन (Propulsion) में, रॉकेट के पिछले भाग में एक तुंड (Nozzle) से होकर गैस अति उच्च गति से बाहर निकलती है। गैस द्वारा वहन किए गए संवेग के बराबर और विपरीत संवेग रॉकेट प्राप्त करता है। यह संवेग रॉकट (या जेट विमान) को आगे की ओर धक्का देने के लिए आवश्यक बल प्रदान करता है।
(C) जब हवा से भरे बैलून (गुब्बारा) में छेद हो जाता है, तो हवा उस छेद से तेजी से बाहर निकलती है। इससे हवा के संवेग में परिवर्तन के बराबर एवं विपरीत बैलून का संवेग-परिवर्तन होता है। इस कारण बैलून हवा निकलने की दिशा के विपरीत दिशा में चलने लगता है।