संवेग-संरक्षण का नियम (Principal Of Conservation Of Linear Momentum) : किसी बाह्य असंतुलित बल की अनुपस्थिति में दो या दो से अधिक पिंडों के संवेग का बीजीय योग हमेशा स्थिर रहता है।
अर्थात,
पिण्डों के टक्कर के पहले का कुल संवेग, पिण्डों के टक्कर के बाद का कुल संवेग आपस में बराबर होते हैं।
टक्कर के पहले,
A पिण्ड का संवेग = m1u1
B पिण्ड का संवेग = m2u2
कुल संवेग = m2u2 + m1u1
टक्कर के बाद,
A पिण्ड का संवेग = m1v1
B पिण्ड का संवेग = m2v2
कुल संवेग = m2v2 + m1v1
अब,
पिण्ड A का संवेग में परिवर्तन
= m1v1 - m1u1
∴ संवेग में परिवर्तन की दर बराबर = m1v1 - m1u1/t
∴ - F = m1v1 - m1u1/t ( द्वितीय नियम से)
∵ F = - (m1v1 - m1u1)/t — (समीकरण i.)
पुनः, पिण्ड B में परिवर्तन = m2v2 - m2u2
∴ संवेग में परिवर्तन की दर = m2v2 - m2u2/t
∴ F = m2v2 - m2u2/t (द्वितीय नियम से) — (समीकरण ii.)
समी॰ i तथा ii से हम पाते है कि,
- (m1v1 - m1u1)/t = (m2v2 - m2u2)/t
⇒ - m1v1 + m1u1 = m2v2 - m2v2
⇒ m1v1 + m2v2 = m1u1 + m2u2
अर्थात्
m1u1 + m2u2 + m1v1 + m2u2
अतः स्पष्ट है कि,
टक्कर के पहले का कुल संवेग = टक्कर के बाद के कुल संवेग