'14 पूर्व' प्राचीनतम जैन ग्रंथ है। अंतिम नंद राजा के समय में सम्भूतविजय तथा भद्रबाहु संघ के अध्यक्ष थे तथा ये ही महावीर द्वारा प्रदत्त 14 पूर्वो के विषय में जानने वाले अंतिम व्यक्ति थे। 12 अंग में जैन सिद्धांतों का संकलन प्रथम जैन सभा में किया गया था। अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प (3) सही है।