6 वर्षों की साधना के पश्चात 35 वर्ष की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा की रात्रि को एक पीपल के वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ। 'ज्ञान' प्राप्ति के बाद ही वे बुद्ध कहलाए। ज्ञान प्राप्ति के पश्चात गौतम बुद्ध ने अपने मत का प्रचार प्रारंभ किया। उरूबेला से वे सबसे पहले ऋषिपत्तन (वर्तमान में सारनाथ) आए। यहां उन्होंने पांच ब्राह्मण संन्यासियों को पहला उपदेश दिया। इस प्रथम उपदेश को 'धर्मचक्रप्रवर्तन' कहा जाता है। यह उपदेश दुःख, दुःख के कारणों दुःख का अंत उनके समाधान से संबंधित था। इसे 'चार आर्य सत्य' भी कहा जाता है। अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सही है।