नासा (National Aeronautics and Space Administration - NASA) द्वारा अंतरिक्ष शटल में प्रयोग किया जाने वाला ईंधन तरल हाइड्रोजन (Hydrogen) है।
हाइड्रोजन आवर्त सारणी का प्रथम तत्व है। हाइड्रोजन की खोज 1766 में हेनरी केवेण्डिस ने की थी। यह अन्य सभी तत्वों से हल्का होता है। इसका प्रतीक H तथा परमाणु संख्या 1 होती है।
इसका परमाणु द्रव्यमान 1.008 होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s1 होता है। इसे आवर्त सारणी के उपवर्ग IA में रखा गया है।
Note :
- कुछ मामले में हाइड्रोजन की समानता हैलोजन के साथ होने के कारण इसे इन तत्वों के साथ उपवर्ग VIIA में भी रख दिया गया है।
- सूर्य और तारों का आधे भाग से अधिक हाइड्रोजन का बना है।
- हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन कहा जाता है।
- यह S–ब्लॉक का सदस्य है।
- इसके नाभिक में सिर्फ एक प्रोटॉन होता है।
- यह आवर्त सारणी का एकमात्र ऐसा तत्त्व है, इसके नाभिक में न्यूट्रॉन नहीं पाया जाता है।
इसके प्रमुख उपयोग हैं (It's Uses) :
- यह गैसों के साथ मिश्रित कर ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है।
- गैसोलिन के उत्पाद में भी उपयोग होता है।
- हैबर विधि से अमोनिया के उत्पादन में प्रयुक्त होता है।
- वनस्पति घी के निर्माण में उपयोग होता है।
- जारक हाइड्रोजन लौ (ताप 2800°C) का उपयोग धातुओं को काटने तथा जोड़ने में होता है।
- द्रव हाइड्रोजन हवाई (रॉकेट) ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है।