मध्यकालीन भारत में मनसबदारी व्यवस्था सैनिकों की सुगमता से भर्ती हेतु लागू की गई थी ।
मनसबदारी व्यवस्था एक विशिष्ट प्रशासनिक व्यवस्था थी, जिसका प्रचलन मुगल शासक अकबर (Akbar) द्वारा किया गया था।
मनसब द्वारा 3 बातें निर्धारित होती थी-
(1) पदाधिकारी का वरीयता क्रम,
(2) वेतनमान तथा
(3) सैनिक उत्तरदायित्व ।
सैनिक उत्तरदायित्व में मनसबदार को अपने मनसब के अनुसार सैनिकों को रखना पड़ता था। इस व्यवस्था से राज्य ने सैनिकों के प्रत्यक्ष भर्ती और रख-रखाव के उत्तरदायित्व मनसबदारों पर डाल दिया था, जिसके बदले में मनसबदार को नकद या जागीर प्रदान की जाती थी।