गुप्त वंश (Gupta Dynasty) के शासकों ने मंदिरों एवं ब्राह्मणों को सबसे अधिक ग्राम अनुदान में दिए थे।
गुप्त लेखों में जिन भूमिदानों का उल्लेख किया गया है, उससे यह स्पष्ट है कि भूमिदान के साथ-साथ गांव की भूमि से उत्पन्न होने वाली आय भी ग्रहीता को सौंप दी जाती थी।