सिकंदर लोदी ( Sikandar Lodi) ने एक नगर बसाया जहां अब आगरा है ।
17 जुलाई, 1489 ई. को निजाम खां सुल्तान सिकंदर शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा। वह लोदी वंश का महानतम शासक था।
1504 ई. में सिकंदर लोदी ने राजस्थान के शासकों पर नियंत्रण के उद्देश्य से यमुना नदी के किनारे आगरा नामक नवीन नगर बसाया और इसे अपनी राजधानी बनाया।
उसने कृषि और व्यापार की उन्नति के लिए प्रयत्न किया। नाप का पैमाना 'गजए-सिकंदरी' उसी के समय में आरंभ किया गया।
उसने निर्धनों के लिए मुफ्त भोजन की व्यवस्था की। उसके समय में योग्य व्यक्तियों की एक सूची बनाकर प्रत्येक छः माह पश्चात उसके सामने प्रस्तुत की जाती थी।
वह शिक्षित और विद्वान था। उसके स्वयं के आदेश से एक आयुर्वेदिक ग्रंथ का फारसी में अनुवाद किया गया, जिसका नाम 'फरहंगे सिकंदरी' रखा गया। उसके समय में गायन विद्या का एक श्रेष्ठ ग्रंथ 'लज्जत-ए-सिकंदरशाही' की रचना हुई। सिकंदर लोदी शहनाई सुनने का बहुत शौकीन था। । वह गुलरुखी उपनाम से कविता लिखता था ।