खराज, उश्र और मुक्तई भूमि उत्पाद पर (Land Excise Tax) लगने वाले कर को इंगित करता है, ।
जबकि 'खुम्स' भूमि उत्पाद पर लगने वाला कर नहीं था, अपितु खुम्स लूट का धन था। खुम्स युद्ध में शत्रु-राज्य की में लूट में प्राप्त होता था। इस लूट का 4/5 भाग सैनिकों में बांट दिया जाता था और शेष 1/5 भाग राजकोष में जमा होता था। किंतु अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलक ने 4/5 राजकोष में दिया और शेष 1/5 सैनिकों में बांटा। सिकंदर लोदी ने गड़े हुए खजाने से कोई हिस्सा नहीं लिया।