इंद्रधनुष (Rainbow) बनने का कारण परावर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन और अपवर्तन है। अतः विकल्प (D) सही उत्तर होगा।
Note : इंद्रधनुष हमेशा सूर्य के विपरीत दिशा में दिखाई देता है और यह प्रातः पश्चिम में एवं सायंकाल पूर्व दिशा में ही दिखाई देता है। इंद्रधनुष दो प्रकार का का होता है- प्राथमिक एवं द्वितीयक जब बूंदों पर आपतित सूर्य किरणों को दो बार अपवर्तन तथा एक बार परावर्तन होता है, तो प्राथमिक इंद्रधनुष बनता है। इसमें लाल | रंग बाहर और बैंगनी रंग अंदर की ओर होता है। जब बूंदों पर आपतित सूर्य किरणों का दो बार अपवर्तन तथा दो बार परावर्तन हो, तो द्वितीयक इंद्रधनुष बनता है। इसमें लाल रंग अंदर की ओर कुछ धुंधला दिखाई देता है। इसका निर्माण जल की छोटी-छोटी बूंदों द्वारा वर्ण-विक्षेपण के कारण होता है। सूर्य की सफेद किरण, जब जल-बूंदों पर पड़ती है, तो उसके प्रकाश का बूंद के भीतर के अवतल तल से पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है। यह बूंद जब बाहर निकलने लगती है, तो विक्षेपित हो जाती है और इस प्रकार विभिन्न रंग दिखाई पड़ते हैं।