पानीपत के युद्ध में बाबर की जीत का मुख्य कारण उसकी सैन्य कुशलता (Military Prowess) थी ।
पानीपत की पहली लड़ाई 21 अप्रैल, 1526 ई. को बाबर एवं इब्राहिम लोदी के बीच हुई, जिसमें अपनी सैन्य कुशलता के बल पर बाबर ने विजय प्राप्त की। बाबर की सैन्य संख्या लोदी सेना से कम थी, फिर भी उसकी कुशल सैन्य-नीति के चलते विजयश्री ने उसका वरण किया। इब्राहिम लोदी स्वयं एक अनुभवशून्य व्यक्ति था।
बाबर लिखता है कि “वह अनुभवहीन व्यक्ति था, जो अपनी गतिविधियों में बड़ी असावधानी रखता था। वह बिना किसी व्यवस्था के आगे बढ़ता, रुकता तथा बिना किसी दूरदर्शिता के संघर्ष में लीन हो जाता था।"