तुजुक-ए-बाबरी तुर्की भाषा (Turkey Language) में लिखा गया था ।
मुगल साम्राज्य की आधारशिला रखने वाले जहीरुद्दीन मोहम्मद बाबर ने अपने जीवन संबंधी घटनाओं को एक ग्रंथ में स्वयं ही लिखा। इसे 'तुजुक-ए-बाबरी' या 'बाबरनामा' कहते हैं। यह किताब तुर्की भाषा में लिखी गई है। किंतु तुर्की मुगल दरबार की राजभाषा नहीं थी, अपितु यह सम्मान फारसी को प्राप्त था।