हुमायूं ने चुनार दुर्ग (Chunar Durg) पर प्रथम बार आक्रमण 1532 ई. में किया।
इस किले को उसने चार महीने तक घेरे रखा, जिसके बाद शेर खां ने हुमायूं की अधीनता स्वीकार कर ली। इसके अतिरिक्त 1531 ई. में उसने कालिंजर पर आक्रमण किया और 1532 ई. में रायसीन के महत्वपूर्ण किले को जीत लिया।