राज्य के नीति निदेशक तत्व को सामाजिक क्रान्ति का दस्तावेज भी कहा जाता है। संविधान का अनुच्छेद-38 इसकी ओर इंगित करता है।
भारतीय संविधान के भाग-IV के अनुच्छेद 36-51 के बीच नीति निदेशक तत्व का उल्लेख है, जिसे संविधान का सामाजिक-आर्थिक दर्शन भी कहा जाता है।
अनुच्छेद-38 के तहत लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय द्वारा सामाजिक व्यवस्था सुनिश्चित करना और आय, प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता को खत्म करने का प्रावधान है ।
- अनुच्छेद-49 के तहत यह प्रावधान है, कि राज्य, राष्ट्रीय महत्व के ऐतिहासिक या कलात्मक अभिरुचि वाले स्मारकों या स्थान का संरक्षण करे।
- अनुच्छेद-26 के तहत व्यक्ति को धार्मिक एवं मूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण करने का अधिकार प्राप्त है।
- अनुच्छेद-51 में यह प्रावधान है कि राज्य, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि करें तथा राष्ट्रों के बीच न्यायपूर्ण और सम्मान पूर्ण संबंधों को बनाये रखने में सहयोग करें।