44वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा अनुच्छेद-31 (Article-31) हटा दिया गया था। मूल संविधान में शामिल संपत्ति के अधिकार अनुच्छेद-31 को 44वें संविधान संशोधन द्वारा 1978 में इस सूची से बाहर कर दिया गया।
44 वाँ संशोधन अधिनियम, 1978 द्वारा —
(i) लोकसभा तथा राज्य विधान सभाओं के वास्तविक कार्यकाल को पुनः स्थापित कर दिया गया (अर्थात् पुनः 5 वर्ष कर दिया गया)
(ii) अनुच्छेद-20 तथा 21 द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान निलंबित नहीं किये जा सकने की व्यवस्था की गई।
(iii) राष्ट्रपति द्वारा कैबिनेट की लिखित सिफारिश के आधार पर ही राष्ट्रीय आपात की घोषणा की व्यवस्था की गई।
(iv) राष्ट्रीय आपात के संदर्भ में आंतरिक अशांति, शब्द के स्थान पर सशस्त्र विद्रोह शब्द को रखा गया।