रणजीत सिंह ने सुप्रसिद्ध कोहिनूर हीरा (Kohinoor Diamond) शाहशुजा (Shah Shuja) से प्राप्त किया था ।
पंजाब अहमदशाह अब्दाली के साम्राज्य का भाग था, परंतु 1773 ई. में उसकी मृत्यु के पश्चात् मुल्तान, कश्मीर इत्यादि कुछ छोटे छोटे भागों को छोड़कर शेष पर सिख मिसलों का अधिकार हो गया।
उधर अफगानों के आंतरिक झगड़ों के कारण रणजीत सिंह को अपनी स्थिति दृढ़ करने का अवसर मिल गया। 1800 ई. में अहमदशाह अब्दाली का पौत्र शाहशुजा काबुल की गद्दी पर बैठा, परंतु उसके भाई शाह महमूद ने शक्तिशाली बरकजई सरदारों फतह खां और दोस्त मुहम्मद की सहायता से उसे 1809 ई. में विस्थापित कर दिया तथा स्वयं कश्मीर और पेशावर पर अधिकार कर लिया।
इसी अवसर पर शाहशुजा ने काबुल का राज्य प्राप्त करने के लिए रणजीत सिंह से सहायता मांगी और उन्हें कोह-ए-नूर (कोहिनूर) हीरा भेंट किया