ठगों का उन्मूलन (Elimination Of Thugs) लॉर्ड विलियम बेंटिक (Lord William Bentinck) तथा कैप्टन स्लीमैन (Captain Sleeman) के नेतृत्व में हुआ था ।
ठगों में हिंदू और मुसलमान दोनों धर्मों के अनुयायी सम्मिलित थे। परंतु वास्तव में ये लोग काली, दुर्गा अथवा भवानी की पूजा करते थे तथा प्रायः अपने शिकार का सिर काट कर देवी के चरणों में बलि के रूप में चढ़ाते थे। उन्हें विश्वास था कि उनका यह धंधा विधि का विधान है तथा उनके शरीर की मृत्यु उनके भाग्य में उसी प्रकार लिखी होती थी।
सती प्रथा के प्रश्न पर तो कुछ मतभेद था, किंतु ठगी के विषय में समस्त जनता ने सरकार का समर्थन किया।
लॉर्ड विलियम बेंटिक ने कैप्टन स्लीमैन को ठगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए नियुक्त किया। उसने लगभग 1500 ठगों को बंदी बना लिया। अनेक ठगों को फांसी दी गई। शेष को आजीवन निर्वासित कर दिया गया। 1837 ई. के पश्चात संगठित रूप से ठगों का अंत हो गया।